काल चिंतन
गीत वही जो तरंग हो जो जीवन में उमंग हो गीत वो जो ,बचपन हो जो यौवन में मदमस्त हो गीत वो जो कुछ तेरा तो कुछ मेरा हो ...कुछ संग संग ...तरंग तरंग ||...अंजु (अनु)
बहुत सुंदर रचना...
वाह बेहद खूबसूरत रचना |
अतीत को देखूं और मुस्कुराऊं गाते हुए जीवन में कि कड़ी में कड़ियाँ जुडाता जाऊं ....very nice....
bahut sundar rachna..!!
सुन्दर रचना:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति बहुत बधाई आपको
http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/12/2012-4.html
जीवन की परिभाषा से बाहर जीवन की कहानी! शानदार.
गीत वही जो तरंग हो
ReplyDeleteजो जीवन में उमंग हो
गीत वो जो ,बचपन हो
जो यौवन में मदमस्त हो
गीत वो जो कुछ तेरा तो
कुछ मेरा हो ...कुछ संग संग ...तरंग तरंग ||...अंजु (अनु)
बहुत सुंदर रचना...
ReplyDeleteवाह बेहद खूबसूरत रचना |
ReplyDeleteअतीत को देखूं और मुस्कुराऊं
ReplyDeleteगाते हुए जीवन में कि कड़ी में
कड़ियाँ जुडाता जाऊं
....very nice....
bahut sundar rachna..!!
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDelete:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति बहुत बधाई आपको
ReplyDeletehttp://bulletinofblog.blogspot.in/2012/12/2012-4.html
ReplyDeleteजीवन की परिभाषा से बाहर जीवन की कहानी! शानदार.
ReplyDelete