Tuesday, October 15, 2013

मै अतीत हूँ





मै अतीत हूँ
वर्तमान होने को प्रस्तुत
इसके अंतर की कड़ी
एक भोगा गया सत्य है।
कल के उजाले में कौन नहीं था
सभी थे
समय था
वही धरती थी
वही आसमा था
आज भी वही सब कुछ है
एक पतली रेखा जो अंतर स्थापित करती है
कल और आज में
जानता हूँ इस रहस्य को
आज फिर कल हो जाएगा
समय का घटनाक्रम

रोके न रुक पायेगा
कुछ अमिट छाप मानस पटल के आकाश पर
जो अतीत वर्तमान भविष्य से अप्रभावित
अपने रेखांकन में
अपने अस्तित्व के साथ
घात
प्रतिघात
जन्मजात
आज और कल
प्रतिपल
बदलाव
कल का बदलना
आज का अतीत है

8 comments:

  1. घात
    प्रतिघात
    जन्मजात
    आज और कल
    प्रतिपल
    बदलाव
    कल का बदलना
    आज का अतीत है

    बहुत सुन्दर रचना रवि जी ...अभिनंदन ..!!

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  2. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति रवि भाई !

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  3. बहुत सुन्दर पाण्डेय जी, आपके चिंतन पर नतमस्तक !

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  4. बदलाव

    कल का बदलना

    आज का अतीत है Waaah

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  5. Bahut khoob ... Aaj aur kal ke badlav ko bakhoobi shabdon mein bandha hai ...

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  6. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति । समय का घटनाक्रम....आज फिर कल हो जायेगा।

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